एलोपेसिया क्या है? क्या भारत के वैद्य द्वारा बताई गयी औषधि से इसका इलाज संभव है?

एलोपेसिया क्या है? क्या भारत के वैद्य द्वारा बताई गयी औषधि से इसका इलाज संभव है?

सोरायसिस क्यों होता है और आयुर्वेद के माध्यम से क्या इसका इलाज संभव है? Reading एलोपेसिया क्या है? क्या भारत के वैद्य द्वारा बताई गयी औषधि से इसका इलाज संभव है? 9 minutes

सब लोग चाहते हैं कि उनके बाल अच्छे लगें। बाल हमारे चेहरे को निखारते हैं। लेकिन जब बाल झड़ने लगते हैं तो हम बहुत परेशान हो जाते हैं। हम सोचने लगते हैं कि हम अच्छे नहीं लग रहे।

एलोपेसिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें बाल जगह-जगह से झड़ जाते हैं। इससे आदमी बहुत तनाव में रहने लगता है।

आयुर्वेद जो कई बीमारियों के इलाज के लिए जानी जाती है जो कि एलोपेसिया जैसी समस्याओं में भी फायदेमंद हो सकता है। अब हम बारीकी से समझेंगे कि एलोपेसिया क्या है और आयुर्वेद के कौन-कौन से तरीके इस बीमारी में फायदेमंद हो सकते हैं।

एलोपेसिया क्या होता है?

अलोपेसिया (Alopecia) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों से बाल झड़ने लगते हैं। अक्सर यह सिर पर होता है और गंजे चकत्ते बन जाते हैं। कभी-कभी यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि पूरे सिर या शरीर के सारे बाल झड़ सकते हैं।

इस समस्या का कारण शरीर की इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी है। यह बालों की जड़ों को नुकसान पहुंचाती है। हालांकि इससे शारीरिक दर्द नहीं होता, लेकिन यह मानसिक रूप से परेशान कर सकता है।

यह समस्या लोगों के आत्मविश्वास और समाजिक जीवन पर असर डाल सकती है। कई लोग अपनी दिखावट को लेकर चिंतित रहते हैं और लोगों से मिलना-जुलना बंद कर देते हैं।

एलोपेसिया रोग होने का मुख्य कारण क्या है?

अलोपेसिया, कई कारणों से हो सकता है। कभी-कभी यह परिवार में चलता है, तो अगर आपके माता-पिता को था तो आपको भी हो सकता है।

आपके शरीर के हॉर्मोन भी इसमें भूमिका निभा सकते हैं - जब वे संतुलन में नहीं होते, तो बाल गिर सकते हैं। तनाव भी एक बड़ा कारण है; जब आप बहुत परेशान होते हैं, तो आपके बाल झड़ सकते हैं। सही खाना न खाने से भी बाल कमजोर हो सकते हैं। कुछ बीमारियों से भी बाल झड़ सकते हैं।

कभी-कभी हमारा शरीर अपने ही बालों को नुकसान पहुँचाने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे शरीर की इम्यून सिस्टम  गलती से हमारे बालों की जड़ों को हानिकारक समझ लेती है और उन पर हमला कर देती है। इसे ही ऑटोइम्यून समस्या कहते हैं।

अलोपेसिया का अच्छा इलाज करने के लिए, डॉक्टरों को यह पता लगाना होता है कि असल में क्या कारण है। जब वे मुख्य कारण जान लेते हैं, तब वे मदद करने का सबसे अच्छा तरीका चुन सकते हैं।

आयुर्वेद अनुसार होने का क्या कारण है?

आयुर्वेद के हिसाब से, बालों का झड़ना या गंजापन शरीर की ऊर्जा के असंतुलन की वजह से होता है। ये असंतुलन तनाव, गलत खान-पान और शरीर की अन्य समस्याओं की वजह से हो सकता है।

बालों का झड़ना को आयुर्वेद में 'इन्द्रलुप्त' कहा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर के असंतुलन (जिन्हें 'पित्त' और 'वात' कहते हैं) बालों की जड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं, तब यह होता है। बाद में, दूसरे असंतुलन ('कफ' और 'रक्त') हेयर फॉलिकल को बंद कर देते हैं, जिससे नए बाल नहीं उग पाते और गंजे धब्बे बन जाते हैं।

अलोपेसिया के इलाज के लिए आयुर्वेद शरीर के इन असंतुलनों को ठीक करने, सिर की सेहत बढ़ाने और तनाव कम करने पर ध्यान देता है। यह एक पूरा तरीका है जो सिर्फ बालों को नहीं, बल्कि पूरे शरीर को देखता है।

एलोपेसिया के लक्षण क्या होते हैं?

अलोपेसिया अलग-अलग लोगों में अलग तरह से दिखाई देता है। कभी-कभी, यह सिर्फ कुछ जगहों पर बाल झड़ने के रूप में होता है, तो कभी पूरे सिर के बाल पतले हो जाते हैं, या यहां तक कि पूरी तरह से गंजेपन का रूप ले लेता है। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि एलोपेसिया किस प्रकार का है और कितना गंभीर है।

अलोपेसिया एक ऐसी समस्या है जो कई तरह से दिखाई दे सकती है। आइए जानते हैं इसके अलग-अलग प्रकार के बारे में।

 

अलोपेसिया का प्रकार (Types of Alopecia)

विवरण ( Description)

एलोपेसिया टोटालिस (Alopecia Totalis)

पूरे सिर के बाल झड़ जाना

एलोपेसिया एरियाटा मल्टीलोक्यूलारिस (Alopecia Areata Multilocularis)

सिर पर कई जगह बाल झड़ना

एलोपेसिया एरियाटा मोनोलोक्यूलारिस (Alopecia Areata Monolocularis)

सिर पर सिर्फ एक जगह बाल झड़ना

सिसैफो पैटर्न एलोपेसिया (Sisaipho Pattern Alopecia)           

ज़िगज़ैग या सांप जैसे पैटर्न में बाल झड़ना

ओफियासिस पैटर्न एलोपेसिया (Ophiasis Pattern Alopecia)           

सिर के किनारे और पीछे सांप जैसा बाल झड़ना

एलोपेसिया यूनिवर्सालिस (Alopecia Universalis)

पूरे शरीर के बाल झड़ जाना (पलकें और शरीर के बाल)

पुरुष और महिला पैटर्न गंजापन (Male and Female Pattern Baldness)        

जेनेटिक्स के कारण बाल धीरे-धीरे पतले होते हैं, ज्यादातर पुरुषों में।

रेटिक्यूलर एलोपेसिया (Reticular Alopecia)          

छोटे-छोटे गंजे धब्बे जो आपस में जुड़े होते हैं

परसिस्टेंट पैची एलोपेसिया (Persistent Patchy Alopecia)           

बार-बार एक ही जगह बाल झड़ना

डिफ्यूज़ एलोपेसिया एरियाटा (Diffuse Alopecia Areata)               

पूरे सिर में बाल धीरे-धीरे पतले होना

सिकैट्रिशियल एलोपेसिया (Cicatricial Alopecia)    

बाल झड़ने के साथ त्वचा पर लाल या पीले दाग

एनाजेन एफ्लुवियम (Anagen Effluvium)             

बालों के बढ़ने के प्रक्रिया में रुकावट से अचानक बाल झड़ना (जैसे कीमोथेरेपी के बाद)

टेलोजन एफ्लुवियम (Telogen Effluvium)            

बालों के बढ़ने के प्रक्रिया में बदलाव से बाल झड़ना, अक्सर तनाव या दवाइयों के कारण

ट्रैक्शन एलोपेसिया (Traction Alopecia)

बालों को बार-बार खींचने से बाल झड़ना (जैसे टाइट हेयरस्टाइल)

एलोपेसिया म्यूसिनोसा (Alopecia Mucinosa)        

बाल झड़ने के साथ सिर पर लाल या पीले दाग, एक रेयर तरह का कैंसर

जन्मजात त्रिकोणीय एलोपेसिया (Congenital Triangular Alopecia)   

जन्म से ही सिर पर एक छोटा गंजा पैच

स्कारिंग एलोपेसिया (Scarring Alopecia)              

सिर पर निशान बनने के कारण बाल झड़ना (जैसे लुपस, लाइकेन प्लेनोपिलारिस)

 

आयुर्वेद अनुसार एलोपेसिया का इलाज क्या है?

आयुर्वेद के हिसाब से, बाल झड़ना शरीर के असंतुलन की वजह से होता है। सबसे पहले, हेयर पोर्स को साफ करना जरूरी है, ताकि नए बाल उग सकें। इसके बाद, तेल और जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है।

आयुर्वेद में केमिकल शैंपू इस्तेमाल करने और सर के बाल शेव करने से बचने की सलाह दी जाती है। इसके बजाय, नारियल या सरसों के तेल से रोज़ सिर की मालिश करें। अगर सिर में खुजली हो, तो मेहंदी के पत्तों का पाउडर बादाम के तेल में मिलाकर लगाएं।

सिर की मालिश बहुत फायदेमंद है। इससे बालों की जड़ों तक खून अच्छे से पहुंचता है और बाल बढ़ते हैं। आयुर्वेद में आंवला बहुत पसंद किया जाता है। इसमें विटामिन सी और दूसरे अच्छे तत्व होते हैं।

एलोवेरा भी बाल बढ़ाने का पुराना तरीका है। इससे बाल झड़ना कम हो सकता है। यह शरीर को अंदर से साफ करता है और बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ाता है।

बाल दोबारा उगने में 3 से 6 महीने लग सकते हैं। इसमें दवाएं, तेल और सही आदतें जरूरी हैं। आयुर्वेद मानता है कि पूरे शरीर को ठीक करने से बाल भी अच्छे हो सकते हैं।

प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों जैसे भारतीय आयुर्वेदिक पुस्तक "सुश्रुत संहिता" में भी बालों की देखभाल और बालों के झड़ने के इलाज के बारे में बात की गई थी। यह दिखाता है कि हजारों सालों से लोगों के लिए यह एक चिंता का विषय रहा है।

आयुर्वेद अनुसार एलोपेसिया का इलाज

कैसे करें

कितनी बार करें

शिरोधारा

रोजाना बालों को उंगलियों से धीरे-धीरे मसाज करें। मसाज करने से पहले बालों को साफ पानी से धो लें। इससे सिर में खून का बहाव बढ़ता है और सिर गर्म रहता है।

रोजाना 10-15 मिनट

बालों की देखभाल

गर्मियों में बालों को ज़्यादा बार धोएं और कंडीशनर का इस्तेमाल करें। इससे बालों में नमी बनी रहेगी। सर्दियों में बालों में तेल लगाएं। इससे बाल और सिर दोनों की देखभाल होगी।

गर्मी में ज़्यादा, सर्दी में तेल

तेल मालिश

अपने शरीर के हिसाब से तेल से सिर की धीरे-धीरे मालिश करें।

डॉक्टर की सलाह से

हर्बल पैक

अपने सिर पर हर्बल पैक लगाएं। इसे 30 मिनट तक लगा रहने दें। फिर इसे धो लें। आप एक जड़ी-बूटी या कई जड़ी-बूटियों को मिलाकर पैक बना सकते हैं।

21 दिन तक

 

भारत के वैद्य एलोपेसिया औषधि से क्या यह वाकई में ठीक हो सकता है?

बालों का झड़ना एक आम परेशानी है। कई लोग इसके लिए तरह-तरह की दवाएं आजमाते हैं। भारत के वैद्य की दवाएं भी इसमें मदद कर सकती हैं। पर याद रखें, हर किसी पर हर दवा का असर अलग होता है।

दवाएं कैसे लें?

  1. चूर्ण (पाउडर):
  • एक चम्मच चूर्ण को गुनगुने पानी में घोलें।
  • इसे सुबह नाश्ते के बाद और रात के खाने के बाद पीएं।
  1. तेल:
  • पहले प्रभावित जगह को साफ करें।
  • फिर तेल लगाएं और दो मिनट ऐसे ही छोड़ दें।
  1. क्रीम:
  • तेल लगाने के बाद क्रीम लगाएं।
  • क्रीम को धोने की जरूरत नहीं।

कुछ जरूरी बातें:

  • तेल लगाकर मालिश न करें। बस लगाकर छोड़ दें।
  • मलहम लगाने के बाद त्वचा न धोएं।
  • रोज सुबह-शाम नहाएं। साफ पानी से नहाना अच्छा है।
  • दिन में 2-3 लीटर पानी पीएं, जिससे शरीर हाइड्रेटेड रहे और सामान्य स्वास्थ्य अच्छा रहे।

इन बातों का ध्यान रखें तो दवा बेहतर काम करेगी।  याद रखें, ये दवाएं धीरे-धीरे काम करती हैं। जल्दबाजी न करें और सब्र रखें।

एलोपेसिया से पीड़ित व्यक्ति को खान पान में क्या परहेज करना चाहिए?

  1. खट्टा: जैसे इमली, अमचूर, दही और छाछ। ये आपके पेट को परेशान कर सकते हैं।
  2. फल: पपीता और चीकू जैसे फल अभी आपके लिए ठीक नहीं हैं।
  3. बैंगन: यह सब्जी कुछ लोगों को नुकसान पहुंचा सकती है।
  4. बाहर का खाना: होटल या फास्ट फूड में ज्यादा तेल और मसाले होते हैं, जो सेहत के लिए अच्छे नहीं।

इन चीजों को अभी के लिए अपने खाने से दूर रखें। घर का बना सेहतमंद और संतुलित खाना खाएं। यह आपके बालों को मजबूत बनाने और नए बालों के उगने में मदद करेगा। याद रखें, यह सिर्फ कुछ समय के लिए है, जब तक आपके बाल बेहतर नहीं हो जाते।

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