आयुर्वेद के माध्यम से क्या कैंसर का उपचार संभव है?

आयुर्वेद के माध्यम से क्या कैंसर का उपचार संभव है?

 कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसका इलाज करना मुश्किल होता है। नए इलाज के तरीके कारगर होते हैं, लेकिन उनसे साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। इसलिए, कैंसर के रोगी प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति, आयुर्वेद की ओर जा कर रहे हैं।

आयुर्वेद बीमारियों से बचाव और स्वास्थ्य बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करता है। यह पारंपरिक चिकित्सा का विकल्प नहीं है, बल्कि इसका साथ देता है। आइए आगे बढ़ते हैं और इसके बारे में और जानते हैं।

आयुर्वेद  की दृष्टि से कैंसर क्या है?

 आयुर्वेद भारत का पुराना इलाज का तरीका है। यह बहुत समय से चला आ रहा है। आइए देखें कि आयुर्वेद कैंसर के बारे में क्या कहता है:

शरीर का बिगड़ा संतुलन: आयुर्वेद कहता है कि हमारे शरीर में तीन मुख्य शक्तियाँ हैं - वात (Vata), पित्त(Pitta) और कफ(Kapha)। ये शक्तियाँ हमारे शरीर और मन को चलाती हैं। जब ये शक्तियाँ बहुत ज्यादा बिगड़ जाती हैं, तो कैंसर हो सकता है।

शरीर में गंदगी का जमना: आयुर्वेद में 'आम (Ama) ' यानी शरीर की गंदगी को कैंसर का एक बड़ा कारण माना जाता है। जब खाना ठीक से नहीं पचता या हम गलत तरह से रहते हैं, तो शरीर में यह गंदगी जम जाती है।

पाचन शक्ति की कमजोरी: आयुर्वेद में पाचन शक्ति को 'अग्नि (agni)' कहते हैं। जब यह अग्नि कमजोर हो जाती है, तो शरीर खाने से पोषण नहीं ले पाता और गंदगी को बाहर नहीं निकाल पाता। इससे कैंसर हो सकता है।

शरीर के अंगों का गलत बढ़ना: आयुर्वेद में शरीर के अंगों को 'धातु (dhatu)' कहते हैं। कैंसर तब होता है जब ये धातु गलत तरीके से बनने या बढ़ने लगते हैं।

बीमारियों से लड़ने की ताकत कम होना: आयुर्वेद में शरीर की रक्षा करने वाली शक्ति को 'बल (bala)' या 'ओजस (ojas)' कहते हैं। जब यह ओजस कम हो जाता है, तो शरीर कैंसर जैसी बीमारियों का शिकार आसानी से हो सकता है।

आयुर्वेद के अनुसार कैंसर होने के बाद क्या करें और क्या ना करें?

आयुर्वेद में माना जाता है कि रहन-सहन का तरीका (जिसमें खाने-पीने की आदतें, रोज के काम और मानसिक स्वास्थ्य शामिल हैं) कैंसर के इलाज और बीमारी को रोकने में बहुत जरूरी है। कैंसर रोगियों के लिए, आयुर्वेद कुछ बातों को करने और कुछ बातों से बचने की सलाह देता है:

क्या करें:

  1. संतुलित आहार लें: ताजे फल, सब्जियां और पूरा अनाज खाएं।
  2. आराम करें: ठीक से नींद लें और तनाव कम करें।
  3. योग और प्राणायाम करें: हल्के व्यायाम से शरीर को मजबूत बनाएं।
  4. जड़ी-बूटियां लें: डॉक्टर की सलाह से आयुर्वेदिक दवाएं लें।
  5. मन को शांत रखें: ध्यान और मन की शांति वाले काम में भाग लें।

क्या ना करें:

  1. मीठा: मिठाई और चीनी वाली चीजें न खाएं। ये कैंसर को बढ़ा सकती हैं।
  2. खट्टा: इमली, अमचूर जैसी खट्टी चीजें कम खाएं। इनसे पेट में जलन हो सकती है।
  3. तला हुआ: बाजार का तला खाना जैसे समोसे, पकौड़े न खाएं। ये सेहत के लिए अच्छे नहीं।
  4. बाहर का खाना: होटल या ठेले का खाना न खाएं। इनमें अशुद्ध चीजें हो सकती हैं।
  5. जंक फूड से बचें: तला-भुना और प्रोसेस्ड फूड ना खाएं। इनमें केमिकल होते हैं।
  6. चाय-कॉफी: चाय और कॉफी बिलकुल न पिएं। इनसे नींद खराब होती है।
  7. तेल: सिर्फ देसी घी, सरसों या नारियल का तेल इस्तेमाल करें। दूसरे तेल नुकसान कर सकते हैं।

भारत के वैद्य कैंसर औषधि में कौन कौन सी जड़ीबूटीयाँ डाली गयी है?

आयुर्वेद सदियों से अपनी चमत्कारी इलाज करने वाली शक्तियों के लिए मशहूर है। इसी जानकारी का उपयोग करके भारत के वैद्य कैंसर औषधि बनाई गई है, जिसमें 42 अनेक प्रकार की जड़ी-बूटियों का अद्भुत मिश्रण शामिल है।

यह औषधि न केवल कैंसर के लक्षणों को कम करने में मदद करती है, बल्कि ताकत बढ़ाकर पूरी सेहत को भी बेहतर बनाती है।

आइए जानते हैं इन 42 जड़ी-बूटियों के बारे में:

  1. अर्जुनछाल: दिल के लिए फायदेमंद है, खून साफ करता है और ब्लड प्रेशर को ठीक रखता है।
  2. बबूलछाल: मसूड़े मजबूत करता है। मुंह के छाले ठीक करता और दांतों को मजबूती देता है।
  3. बबूलफली: पेट दर्द में राहत देती है। कब्ज दूर करती और पाचन को बेहतर बनाती है।
  4. नीमछाल: कीड़े मारने में प्रभावी है। त्वचा रोग ठीक करता और खून को शुद्ध करता है।
  5. सहंजनाछाल: पोषक तत्वों से भरपूर है। हड्डियां मजबूत करता है और बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ाता है।
  6. आँकड़ामूल: सांस की बीमारियों में लाभदायक है। खांसी में आराम देता और दमे में मदद करता है।
  7. रोहेड़ाछाल: त्वचा रोगों में फायदेमंद है। खुजली कम करता और घाव भरने में मदद करता है।
  8. सिरसछाल: खून साफ करता है। त्वचा को चमकदार बनाता और लीवर की सफाई करता है।
  9. त्रिफला: आंखों के लिए अच्छा है। पाचन सुधारता, कब्ज दूर करता और वजन कम करता है।
  10. गिलोय: बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ाता है, बुखार कम करता है और पाचन सुधारता है।
  11. पुनर्वामूल: सूजन कम करता है, गठिया में राहत देता है और पेशाब सम्बन्धी रोगों में फायदेमंद होता है।
  12. चित्रकमूल: भूख बढ़ाता है। पाचन सुधारता, पेट के कीड़े मारता और गैस कम करता है।
  13. मकोयबीज: आंखों के लिए फायदेमंद है। रात में कम दिखाई देने की बीमारी में मदद करता और आंखों की रोशनी बढ़ाता है।
  14. गुलाबफूल: त्वचा निखारता है। तनाव कम करता, पाचन सुधारता और दिल को मजबूत करता है।
  15. तुलसीपंचाग: सर्दी-जुकाम में राहत देता है। खांसी कम करता और बुखार उतारने में मदद करता है।
  16. धायफूल: पेट दर्द कम करता है। पाचन सुधारता और पेट के कीड़े मारने में मदद करता है।
  17. इंद्रजौ: मलेरिया से बचाव करता है। बुखार कम करता और पेट के कीड़े मारता है।
  18. सौंफ: पेट की गैस कम करता है। मुंह की दुर्गंध दूर करता और पाचन को बेहतर बनाता है।
  19. सौंठ: पाचन तेज करता है। सर्दी-जुकाम में राहत देता और गले की खराश ठीक करता है।
  20. अपामार्ग पंचांग: खून साफ करता है। पथरी में मदद करता और खांसी कम करने में सहायक है।
  21. छोटा गोखरूदाना: पेशाब की समस्या में राहत देता है। पथरी गलाता और गुर्दे मजबूत करता है।
  22. वासामूल: खांसी कम करता है। सांस की बीमारियों में मदद करता और बलगम निकालता है।
  23. रसोंत: आंखों के संक्रमण में मदद करता है। जख्म भरता और पीलिया ठीक करने में सहायक है।
  24. कुटकी: लीवर की बीमारियों में फायदेमंद है। पीलिया ठीक करता और भूख बढ़ाता है।
  25. चिरायता: बुखार कम करता है। पेट की समस्याएं ठीक करता और भूख बढ़ाने में मदद करता है।
  26. विधारामूल: बुखार कम करता है। दर्द कम करता, पसीना लाता और खांसी ठीक करता है।
  27. दारुहल्दी: त्वचा रोग ठीक करता है। घाव भरता और खून को शुद्ध करने में मदद करता है।
  28. शीशमपत्र: शुगर कम करता है। पेशाब साफ करता और पाचन को बेहतर बनाता है।
  29. कांचनारछाल: गांठें कम करता है। घाव भरता और सूजन कम करने में सहायक होता है।
  30. अशोकछाल: महिलाओं की बीमारियों में फायदेमंद है, पीरियड्स को सही समय पर लाता है और बच्चे पैदा करने वाले अंग को मजबूत बनाता है।
  31. पीपलछाल: पाचन सुधारता है। पेट दर्द कम करता और भूख बढ़ाने में मदद करता है।
  32. द्रोणपुष्पी: नींद लाने में मदद करता है। तनाव कम करता और याददाश्त बढ़ाने में सहायक है।
  33. भूमिआवंला: लीवर की सुरक्षा करता है। पीलिया ठीक करता और पाचन को बेहतर बनाता है।
  34. छोटीकटेरी: पथरी गलाने में मदद करता है। पेशाब साफ करता और मूत्र रोग ठीक करता है।
  35. बड़ीकटेरी: दर्द कम करता है। सूजन कम करता और बुखार उतारने में सहायक होता है।
  36. गम्भारीछाल: बुखार कम करता है। दस्त रोकता और पेट दर्द कम करने में मदद करता है।
  37. पाठला: खांसी कम करता है। सांस की बीमारियों में राहत देता और गले की खराश ठीक करता है।
  38. सखिन: त्वचा रोग ठीक करता है। खुजली कम करता और घाव भरने में मदद करता है।
  39. पिठवन: पेट के कीड़े मारता है। पाचन सुधारता और पेट दर्द कम करने में सहायक है।
  40. सोनपाठा: पीलिया ठीक करता है। लीवर मजबूत करता और पाचन को बेहतर बनाता है।
  41. अश्वगंधा: शरीर को ताकत देता है, तनाव कम करता है और अच्छी नींद लाता है।
  42. जटामास: तनाव कम करता है, दिमाग शांत करता है और अच्छी नींद लाता है।

 भारत के वैद्य आयुर्वेदिक कैंसर औषधि कितनी लाभदायक है?

  1. पूरी मदद: हमारा आयुर्वेदिक औषधि 42 सावधानी से चुने गए जड़ी-बूटियों से बना है। हर जड़ी-बूटी कैंसर से लड़ने में अलग तरह से मदद करती है।
  1. शरीर की रक्षा: हमारा औषधि शरीर के अंगों को स्वस्थ रखता और बीमारी से बचाता है। यह कैंसर से लड़ने में शरीर की मदद करता है।
  1. रोग से लड़ने की ताकत: हमारे औषधि में ऐसी जड़ी-बूटियाँ हैं जो बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ाती हैं। यह कैंसर से लड़ने में शरीर की मदद करता है।
  1. शरीर की सफाई: हमारी जड़ी-बूटियाँ शरीर को साफ करने में मदद करती हैं। यह गंदगी को बाहर निकालता और सेहत में सुधार करता है।
  1. सूजन कम करने वाले गुण: हमारे औषधि में सूजन कम करने वाली जड़ी-बूटियाँ हैं। यह शरीर में सूजन को कम रखने में मदद करता है।
  1. पोषण और ताकत: हमारा औषधि पोषण को बढ़ाता और नई ताकत देता है। यह थकान को कम करता और शरीर को मजबूत बनाता है।
  1. शरीर पर कोमल: हमारी आयुर्वेदिक दवा शरीर पर कोमल होती है। इसकी सामग्री बिना किसी नुकसान के काम करती है।
  1. पूरा स्वास्थ्य: हमारा मिश्रण शरीर, मन और दिमाग का ध्यान रखता है। यह पूरी सेहत को बेहतर बनाता है।
  1. जाँचा-परखा: हमारी हर जड़ी-बूटी डॉक्टरों द्वारा जाँची गई है। यह पुराने ज्ञान और नए विज्ञान का मिश्रण है।
  1. अच्छी गुणवत्ता: हम सबसे अच्छी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करते हैं। हम पूरी कोशिश करते हैं कि आपको सबसे शुद्ध और अच्छी दवा मिले।

कैंसर औषधि का प्रयोग कैसे करें:

यह दवा दो प्रकारों में उपलब्ध है:

  • पाउडर आधारित औषधि: इसका सेवन काढ़े के रूप में किया जाएगा।
  • शिलाजीत आधारित औषधि: इसका सेवन एक बूंद (लगभग एक छोटे चने के बराबर) हल्के गुनगुने पानी के साथ किया जाएगा।

काढ़ा बनाने की विधि:

  1. एक स्टील के बर्तन में 1 गिलास पानी डालें।
  2. इसमें 1 चम्मच पाउडर आधारित औषधि डालें।
  3. पानी को उबालें।
  4. जब पानी आधा रह जाए, तो गैस बंद कर दें और काढ़े को छानकर ठंडा होने दें।

सेवन विधि:

सुबह:

  1. खाली पेट शौच के बाद, एक चाय के कप में हल्के गुनगुने पानी में एक बूंद शिलाजीत औषधि डालकर घूंट-घूंट करके पी लें।
  2. खाना खाने के 1 घंटे बाद, एक चम्मच औषधि का काढ़ा पिएं।

दोपहर:

  • आधा चम्मच औषधि और आधा गिलास पानी का काढ़ा पिएं।

शाम:

  1. खाना खाने के 1 घंटे बाद, एक चम्मच औषधि का काढ़ा पिएं।
  2. 15 मिनट बाद, एक बूंद शिलाजीत औषधि हल्के गुनगुने पानी के साथ लें।

ध्यान दें:

  • जिन लोगों का ब्लड प्रेशर हाई रहता है, उन्हें शिलाजीत को गुनगुने पानी के बजाय सामान्य पानी में लेना चाहिए।

क्या कैंसर को जड़ से ख़त्म किया जा सकता है?

कैंसर एक गंभीर बीमारी है और इसका इलाज मुश्किल हो सकता है। हर कैंसर अलग होता है और इलाज भी अलग-अलग हो सकता है। नए तरीके के इलाज में कई उपाय हैं जैसे सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी आदि।

कुछ मामलों में कैंसर को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है, लेकिन हर मामले में ऐसा नहीं होता। जल्दी पता लगने पर इलाज का अच्छा असर हो सकता है। समय-समय पर जांच करवाना और अच्छी सेहत के लिए सही तरह से रहना बहुत जरूरी है। डॉक्टर की सलाह पर चलना बहुत जरूरी है।

कैंसर से लड़ने के लिए डॉक्टरी इलाज के साथ-साथ मन को मजबूत रखना भी जरूरी है। अगर आप या आपका कोई करीबी कैंसर से जूझ रहे हैं, तो एक अच्छे डॉक्टर से मिलें और उनकी बताई बातों को मानें।

आयुर्वेद के अनुसार क्या गेहूं का ज्वारा कैंसर में लाभदायी है?

गेहूं के ज्वारे में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं। इसमें विटामिन, शरीर के लिए जरूरी धातु और ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर की सुरक्षा को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं।

कुछ लोगों का मानना है कि यह शरीर को साफ करने में मदद करता है और खून को शुद्ध करता है। ये गुण कैंसर से लड़ने में मददगार हो सकते हैं। पर याद रखें, गेहूं का ज्वारा कैंसर का इलाज नहीं है। यह बस शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

कैंसर एक गंभीर बीमारी है और इसका इलाज डॉक्टर की देखरेख में ही होना चाहिए। अगर आप या आपका कोई करीबी कैंसर से पीड़ित है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही चलें। गेहूं के ज्वारे जैसे किसी भी अतिरिक्त खाने की चीज के बारे में भी डॉक्टर से जरूर पूछें।

भारत के वैद्य कैंसर औषधि कैसे आर्डर करें

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